जहानाबाद के राधानंदन कुमार बने झारखंड सिविल सेवा के अधिकारी.

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Success Story: राधानंदन कुमार, जहानाबाद के निवासी, दो बार BPSC में असफल हुए लेकिन हार नहीं मानी. उन्होंने उत्तराखंड सिविल सेवा की परीक्षा दी और झारखंड सिविल सेवा में चयनित होकर कारा अधीक्षक बने.

जहानाबादः JPSC से चयनित अभ्यर्थी राधानंदन कुमार दो बार BPSC के उम्मीदवार रहे. इंटरव्यू राउंड तक जाकर असफल हो गए. हालांकि, उन्होंने हार नहीं माना और उत्तराखंड सिविल सेवा की परीक्षा एक बार फिर दी. इस बीच झारखंड सिविल सेवा की परीक्षा में चयन हो गया. वह अब एक अधिकारी बन गए हैं. वो बिहार के जहानाबाद से हैं और कारा अधीक्षक का पद प्राप्त है. उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी कर रहे छात्रों को सफल होने के कुछ टिप्स दिए हैं, चलिए फिर एक सफल अभ्यर्थी से समझते हैं पूरी बात…

सिविल सेवा के लिए सिलेबस पर करें काम
राधानंदन कुमार ने कहा कि किसी सिविल सेवा की परीक्षा पास करने के लिए मेहनत, निरंतर पढ़ाई और अपना नोट्स होना सबसे जरूरी है. उन्होंने आगे यह कहा कि सिलेबस पर काम करना है. सिविल सेवा परीक्षा का सिलेबस प्री डिटरमाइंड होता है, उससे अपने आप को पहले से फिट रखेंगे, क्या करना है? जब आपके पास सिलेबस है तो उस हिसाब से अपना नोट्स को तैयार करें. निरंतर सिलेबस को रिवीजन करते रहिए. यही उपाय है, जो सफलता दिला सकती है.

इंटरव्यू की कैसे करें तैयारी
राधानंदन कुमार का कहना है कि जब सिविल सेवा परीक्षा क्रैक कर चुके हैं और बारी इंटरव्यू राउंड की है तो इसमें दो बात बड़ी महत्वपूर्ण हो जाती है, एक तो ज्ञान और दूसरी बात करने का तरीका (communication). जहां तक ज्ञान की बात है तो परीक्षा की तैयारी करने के दौरान आ जाते हैं. कम्युनिकेशन पर बेहतर काम करने की जरूरत होती है. असल में यह होता है कि क्या सवाल हो सकते हैं? इसके लिए कैसे हमें तैयारी करनी है? जब सवाल तैयार कर लेंगे तो जवाब भी पहले से ही तैयार करना होता है.

सोशल मीडिया को लेकर क्या कहा 
राधानंदन कुमार के अनुसार, आज के समय में सोशल मीडिया का महत्व है. हां, यह मानते हैं, लेकिन इंटरनेट सदुपयोग पर सब कुछ निर्भर करता है. यदि सही दिशा में बह रहे हैं तो यह काफी मददगार होगा, अन्यथा डिस्ट्रैक्शन का खजाना है. काफी ज्यादा हमें सोशल मीडिया से मदद मिली. क्योंकि लॉकडाउन में घर चला आया था. गांव रहने लगा, लेकिन इंटरनेट ही है, जो हमें शहर और गांव में अंतर नहीं मालूम चलने दिया. इसलिए यह काफी फायदेमंद मानता हूं, लेकिन एक बार फिर कह रहा हूं, सदुपयोग के बाद.

क्या है सफल अभ्यर्थी की कहानी 
दरअसल, राधानंदन कुमार जहानाबाद के एक छोटे से गांव से हैं. उनका बचपन से अफसर बनने का शौक था. इस कारण से वह शुरुआत से उस दिशा में काम करते चले गए. कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए चले गए. इसके बाद कुछ समय तक वहां रहकर क्लास किए. हालांकि, इस बीच लॉकडाउन लग गया तो घर ही आना पड़ा. गांव से तैयारी की और सिविल सेवा परीक्षा पास की. अभी वह झारखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर कारा अधीक्षक बने हैं.

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Amit ranjan

मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और लोकल 18 तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले…और पढ़ें

मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और लोकल 18 तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले… और पढ़ें

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