नोएडा के इन 2 सेक्टरों की होगी कायापलट, सिटी सेंटर की तरह होंगे विकसित; क्या-क्या होंगी सुविधाएं

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नोएडा प्राधिकरण ने दो सेक्टरों को सिटी सेंटर की तरह विकसित करने की तैयारी शुरू कर दी है। यहां मॉल, मल्टीप्लेक्स, पार्किंग, होटल, एम्यूजमेंट पार्क, कॉन्फ्रेंस हॉल, ऑफिस, बैंक आदि की सुविधा मिलेगी।

नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर-25ए और 32ए को सिटी सेंटर की तरह विकसित करने की तैयारी शुरू की है। यहां पर बाजार, मॉल, मल्टीप्लेक्स, पार्किंग, होटल, एम्यूजमेंट पार्क, कॉन्फ्रेंस हॉल, ऑफिस, बैंक आदि की सुविधा मिलेगी। एमपी-2 स्थित एलिवेटेड रोड के दोनों तरफ का हिस्सा योजना में आएगा।

सेक्टर-25ए और 32ए में करीब साढ़े चार लाख वर्ग मीटर जमीन खाली है। पहले यह पूरी जमीन वेब बिल्डर ने ले रखी थी। बिल्डर की योजना सिटी सेंटर बनाने की थी, जो पूरी न हो सकी। वेब बिल्डर ने अब इसमें जमीन का कुछ हिस्सा ले रखा है। इसमें फ्लैट और व्यावासयिक केंद्र हैं। प्राधिकरण ने खाली जमीन पर पिछले साल छोटे-छोटे व्यावसायिक भूखंड निकाल कर स्कीम लॉन्च की थी। योजना दो बार आई, लेकिन सफल नहीं हो पाई।

अब प्राधिकरण ने इसको सिटी सेंटर के रूप में तैयार करने का निर्णय लिया है। प्राधिकरण अधिकारियों की मानें तो पूरी जमीन पर मार्केट, मॉल, मल्टीप्लेक्स, पार्किग, घूमने-फिरने के लिए जगह, होटल, एम्यूजमेंट पार्क, कॉन्फ्रेंस हॉल, ऑफिस और बैंक आदि की सुविधा मिलेगी। इसके लिए प्राधिकरण अब आर्किटेक्ट का चयन करेगा। आर्किटेक्ट प्लान बनाकर देगा, जिस पर अधिकारियों और बोर्ड से मंजूरी ली जाएगी। शहर के बीच में होने के कारण पहले से ही यह जमीन व्यावसायिक उपयोग के लिए मास्टर प्लान में चिन्हित है। यहां से शहर के चारों तरफ की कनेक्टिविटी भी है। इसके चलते लोगों को आने-जाने में काफी आसानी रहेगी।

पहले व्यावसायिक हब बनाने की योजना थी

नोएडा प्राधिकरण ने मार्च 2011 में वेब बिल्डर को 614000 वर्ग मीटर जमीन का आवंटन किया था। सेक्टर-25ए और 32ए तैयार करते हुए प्राधिकरण ने इसका आवंटन किया था। बिल्डर इसको व्यावसायिक हब के रूप में विकसित करना चाहता था। मुख्य सड़क के नीचे से दोनों सेक्टर को अंडरपास बनाकर जोड़ने की योजना थी, लेकिन योजना अधूरी रह गई। अब मोटे तौर पर प्राधिकरण के पास करीब साढ़े चार लाख वर्ग मीटर जमीन कब्जे में है।

बिल्डर ने 2016 में जमीन लौटाने की अर्जी दी

वेब बिल्डर ने वर्ष 2016 में यह जमीन प्राधिकरण को सरेंडर करने की अर्जी दी। हालांकि, कुछ अड़चनों की वजह से कार्रवाई पूरी नहीं हो सकी। बाद में प्रोजेक्ट सेटेलमेंट पॉलिसी के तहत ही बिल्डर ने फिर से 4.5 लाख वर्ग मीटर जमीन वापस देने के लिए आवेदन दिया। तब प्राधिकरण ने लैंड वापस लेने संबंधी कार्रवाई पूरी करते हुए जमीन को अपने कब्जे में ले लिया। बाद में बिल्डर ने कुछ जमीन फिर से प्राधिकरण से आवंटित कराई। 



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