युवाओं को ISIS से जोड़ने में जुटा था आतंकी रिजवान, बड़े ब्लास्ट की ट्रेनिंग को जाना चाहता था पाकिस्तान

Date:


दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के हत्थे चढ़ा आतंकी रिजवान अली दिल्ली-एनसीआर के करीब दर्जनभर युवाओं को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) जॉइन करने के लिए तैयार कर रहा था।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के हत्थे चढ़ा आतंकी रिजवान अली दिल्ली-एनसीआर के करीब दर्जनभर युवाओं को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) जॉइन करने के लिए तैयार कर रहा था। इसके लिए वह सोशल मीडिया पर एक ऐप के जरिये जेहाद के नाम पर इन युवाओं के संपर्क में था।

पुलिस को शक है कि आतंकी संगठन में शामिल करने से पहले कुछ युवाओं से रेकी कराई गई थी। पुलिस रिजवान के पूरे नेटवर्क का पता लगाने के लिए उसके सभी डिवाइस और सोशल मीडिया हैंडल की बारीकी से जांच कर रही है। रिजवान पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के (आईएसआईएस) मॉड्यूल का हिस्सा है और उसके हैंडलर पाकिस्तान में हैं। स्पेशल सेल की जांच में यह भी पता चला है कि आपसी बातचीत के लिए रिजवान कई चैटिंग  प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल करता था। उसके मोबाइल फोन में कई ऐप भी मिले हैं। वह इन चैटिंग प्लैटफॉर्म और ऐप का इस्तेमाल कर पाकिस्तान में बैठे अपने आका फरहतुल्लाह बाबर के संपर्क में रहता था।

चैट के जरिये ही रिजवान को किसी एक शख्स से मिलने का निर्देश भी मिला था। उससे मिलने के लिए वह दिल्ली आया था, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने उसे दबोच लिया गया।

जामिया में अरेबिक ढाबा भी खोला : हालांकि, पुलिस की काउसलिंग का रिजवान पर बहुत ज्यादा दिन तक असर नहीं रहा। वह कुछ दिन बाद ही दोबारा से आईएसआईएस के संपर्क में आ गया। जामिया और दरियागंज इलाके से वह लगातार आईएसआईएस के आकाओं के संपर्क में रहा। जब वह पहली बार एजेंसियों के हत्थे चढ़ा था तो उस वक्त वह आईएसआईएस एक बड़े आतंकी अबु हुजैफा के संपर्क में था। अबु हुजैफा पाकिस्तान से भारत के युवाओं को आईएसआईएस में भर्ती करने का काम कर रहा था।

वर्ष-2019 में वह अमेरिका के ड्रोन हमले में मारा गया था। आईएसआईएस के सम्पर्क में आने के बाद रिजवान ने जामिया में एक अरेबिक ढाबा भी खोला था। इसके बाद फायर सेफ्टी से जुड़ी एक कंपनी में नौकरी भी की थी।

एजेंसियों ने मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया था

गिरफ्तार आतंकी रिजवान महज 23 साल की उम्र में ही आईएसआईएस जॉइन कर चुका था। स्पेशल सेल ने जामिया इलाके से उसे हिरासत में भी लिया था, लेकिन उस वक्त रिजवान को आतंकवादी बनने से सेंट्रल एजेंसियों ने रोका था। काउसलिंग कराने के बाद उसे मुख्य धारा में जुड़ने का एक मौका दिया था। इसकी वजह यह थी की रिजवान के पिता दिल्ली के एक बड़े एजुकेशन संस्थान जामिया में सेक्शन ऑफिसर थे। पूछताछ के दौरान एजेंसियों ने काउसलिंग कर रिजवान को मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया था।

बड़े विस्फोट का प्रशिक्षण लेने पाक जाना था

रिजवान ने आईईडी बम बनाने और नियंत्रित बम विस्फोट का ट्रेनिंग तो ले ली थी, लेकिन बड़े ब्लास्ट करने की ट्रेनिंग  लेने के लिए उसे पाकिस्तान जाना था। पूछताछ में आतंकी ने बताया कि हमले को अंजाम देने के बाद वह पाकिस्तान भागने की तैयारी में था। फरहतुल्लाह गौरी ने उसका नकली पासपोर्ट आदि बनाने का जिम्मा लिया था। इसके लिए नेपाल से होकर जाने की योजना थी। फिर पाकिस्तान में ट्रेनिंग लेकर दोबारा भारत आने की योजना थी।



Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related