लॉर्ड्स टेस्ट का दूसरा दिन ड्रामा से भरपूर रहा. इस दिन जो रूट के टेस्ट करियर का 37वां शतक आया. जसप्रीत बुमराह ने 5 विकेट झटके, लेकिन दूसरा दिन शुभमन गिल की अंपायर के साथ बहस के कारण भी यादगार बना. दरअसल भारतीय टीम ड्यूक्स बॉल से खुश नहीं थी और बार-बार गेंद को रिप्लेस करने की मांग की जा रही थी. कई बार मांग ठुकराए जाने के बाद कप्तान शुभमन गिल गुस्से में अंपायरों से जा भिड़े थे.
तीसरे टेस्ट मैच में पहले दोनों दिन भारतीय टीम कई बार बॉल को बदलने की मांग करती रही. अंपायरों ने बॉल चेक करने वाले छल्ले से जांच की, कुछ मौकों पर अंपायर ने गेंद को बदलने की मंजूरी दी लेकिन अधिकांश मौकों पर गेंद को नहीं बदला गया. दरअसल अभी तक पूरी टेस्ट सीरीज में ड्यूक्स बॉल का आकार विवाद का विषय बना रहा है.
भारतीय टीम के बार-बार गेंद को रिप्लेस करने की मांग पर इंग्लैंड के दिग्गज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड भी प्रतिक्रिया दे चुके हैं. उन्होंने माना कि ड्यूक्स बॉल के साथ कुछ समस्या है. ब्रॉड ने कहा, “क्रिकेट बॉल एक बेहतरीन विकेटकीपर की तरह होनी चाहिए, जिसके बारे में बहुत कम बात की जाए. मगर यहां प्रत्येक पारी में गेंद पर बहुत ज्यादा चर्चा कर रहे हैं. यह स्वीकार्य नहीं है क्योंकि ड्यूक्स बॉल के साथ वाकई में समस्या है. इसे ठीक किया जाना चाहिए. एक गेंद को 80 ओवर तक टिके रहना चाहिए, ना कि सिर्फ 10 ओवर.”
शुभमन गिल के अलावा मोहम्मद सिराज को भी माइक स्टंप पर सुना गया था. सिराज ने अंपायर से कहा कि उन्हें 10 ओवर पुरानी गेंद थमा दी गई है. एक बहस का मुद्दा यह भी है कि दूसरे दिन की शुरुआत में जसप्रीत बुमराह महज 14 गेंद के भीतर 3 विकेट ले चुके थे, लेकिन उसके बाद भारतीय टीम पूरे सेशन में कोई विकेट ही नहीं ले पाई. मौजूदा सीरीज में ड्यूक्स बॉल का जल्दी नर्म पड़ना और उसका कुछ ही ओवरों में आकार बदल लेना और पुरानी हो जाना, ऐसे विषयों पर क्रिकेट जगत में जमकर बहस हो रही है.
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