वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2022 को आम बजट पेश करेंगी। कोरोना के खिलाफ इस युद्ध में हेल्थ सेक्टर को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। हेल्थ सेक्टर से जुड़े लोगों का कहना है कि सरकार को जेनेटिक…
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2022 को आम बजट पेश करेंगी। कोरोना के खिलाफ इस युद्ध में हेल्थ सेक्टर को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। हेल्थ सेक्टर से जुड़े लोगों का कहना है कि सरकार को जेनेटिक रिसर्च के फंड में इजाफा करना चाहिए।
स्वास्थ क्षेत्र से जुड़े लोगों का मानना है कि आम बजट 2022 में सरकार को जेनेटिक क्षेत्र पर पैसा खर्च करना चाहिए। जिससे अधिक से अधिक लोगों का ध्यान रखा जा सके। GenepoweRx के निदेशक डाॅ हीमा ज्योति का कहना है, ‘भारत में इस समय ज्यादा यंग फोर्स है। लेकिन प्रजनन दर में गिरावट औ बढ़ती उम्र के साथ, हम अगले 10 से 20 सालों में स्वास्थ्य देखभाल खर्चों में भारी इजाफा करने जा रहे हैं। लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियां हर 10 साल में दोगुनी हो रही हैं। ऐसे में सरकार को Genome Mapping करना अनिवार्य हो गया है। सरकार को Genome Mapping के क्षेत्र में निजी क्षेत्रों को बढ़ावा देना चाहिए। साथ ही फंड का आवंटन करना चाहिए जिससे जो आबादी की Genome Mapping निगरानी में सक्षम हो।’
उनके अनुसार इंटरनेशनल लेवल पर हेल्थकेयर सिस्टम में व्यक्तिगत दवा को लेकर भारी निवेश किया जा रहा है। क्योंकि इस समय बेहतर व्यवस्था खड़ा करने का बेहतर मौका है। अगर भारत इस सेक्टर में अपनी धमक विश्व स्तर पर बढ़ाना चाहता है तो उसे अधिक निवेश करने की जरूरत है।
Si Cure Mi के संस्थापक तरुण गुप्ता कहते हैं, ‘भारतीय स्टार्टअप हेल्थ केयर डोमेन में उपकरणों और प्लेटफाॅर्म के निर्माण में नई तकनीकों का प्रयोग कर रहे हैं। भारत सरकार का स्टार्टअप के प्रति बहुत रवैया बहुत ही उत्साह जनक और उदार है। मेरा मानना है कि सरकार को इस क्षेत्र में योजनाओं के जरिए और सहायता करनी चाहिए।’