हसन नसरल्ला
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लेबनान के एक मंत्री ने दावा किया है कि मौत से पहले हिजबुल्ला का पूर्व प्रमुख हसन नसरल्ला इस्राइल के साथ युद्धविराम के लिए तैयार हो गया था। हालांकि जैसे ही वह युद्धविराम के लिए तैयार हुआ, इस्राइली हवाई हमले में उसकी मौत हो गई। लेबनान के विदेश मंत्री अब्दल्ला बोउ हबीब ने अमेरिकी मीडिया के साथ बातचीत में यह दावा किया है। उन्होंने ये भी कहा कि अमेरिका और फ्रांस को भी इस युद्धविराम के फैसले के बारे में बता दिया गया था।
27 सितंबर को इस्राइली हमले में हुई थी नसरल्ला की मौत
हसन नसरल्ला बेरूत के दक्षिणी इलाके दानियेह में एक बंकर में मौजूद था, जब 27 सितंबर को हुए इस्राइल के हवाई हमले में उसकी मौत हो गई। हिजबुल्ला ने भी बयान जारी कर नसरल्ला की मौत की पुष्टि की है। हालांकि नसरल्ला की मौत कैसे हुई, इसके बारे में जानकारी नहीं दी गई है। नसरल्ला के शव पर चोट या किसी घाव के निशान नहीं हैं और ऐसा माना जा रहा है कि इस्राइली हमले से हुए धमाके की वजह से सदमा लगने से नसरल्ला की मौत हुई है।
‘अमेरिका और फ्रांस भी थे युद्धविराम पर सहमत’
अमेरिकी मीडिया से बात करते हुए लेबनान के विदेश मंत्री ने कहा कि ‘वह (हसन नसरल्ला) युद्धविराम के लिए मान गए थे।’ अब्दल्ला बोउ हबीब ने ये भी बताया कि ‘लेबनान की सरकार ने हिजबुल्ला के साथ चर्चा के अमेरिका और फ्रांस को भी संभावित युद्धविराम की जानकारी दे दी थी। लेबनान की संसद के सभापति नबीह बेरी ने हिजबुल्ला से बातचीत की थी। हमें ये भी बताया गया कि इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी अमेरिका और फ्रांस के राष्ट्रपतियों द्वारा जारी किए जाने वाले साझा बयान पर सहमत हो गए हैं।’
लेबनानी मंत्री के अनुसार, 25 सितंबर को अमेरिका, फ्रांस और अन्य सहयोगी देश 21 दिन के युद्धविराम का एलान करने वाले थे और इसे लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा के कार्यक्रम से इतर मुलाकात भी हुई थी। हालांकि बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्धविराम के प्रस्ताव को बाद में अस्वीकार कर दिया और हिजबुल्ला के ठिकानों पर हमलों का आदेश दिया।
खोमैनी ने नसरल्ला को लेबनान छोड़ने की दी थी सलाह
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खोमैनी ने भी हमले से कुछ दिन पहले ही हसन नसरल्ला को लेबनान छोड़कर ईरान आने की सलाह दी थी। दरअसल लेबनान में हिजबुल्ला के सदस्यों के पेजर्स में हुए धमाकों के बाद ही खोमैनी ने नसरल्ला को लेबनान में रहने को लेकर चेताया था। ईरान ने नसरल्ला से कहा था कि हिजबुल्ला में इस्राइल के लोग हैं और वे नसरल्ला को मारना चाहते हैं। खोमैनी ने ईरान रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर ब्रिगेडियर जनरल अब्बास निलफोरुशान को हसन नसरल्ला को यही संदेश देने के लिए लेबनान भेजा था। हालांकि इस्राइली हमले में नसरल्ला के साथ ही ईरानी कमांडर की भी मौत हो गई थी।