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Om Prakash Chautala – फोटो : अमर उजाला
विस्तार
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के निधन का सबसे बड़ा झटका इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) को ही लगा है। पार्टी के सुप्रीमो रहे ओमप्रकाश चौटाला के बिना इनेलो की राहें हरियाणा की राजनीति में आसान नहीं हैं।
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पुराने नेताओं और कार्यकर्ताओं को जोड़े रखना पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगा। दूसरा, चौटाला की राजनीतिक विरासत के उत्तराधिकारी अभय चौटाला के लिए भी चुनौतियां कम नहीं हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों राष्ट्रीय दलों के बीच अपने क्षेत्रीय दल को मजबूत बनाए रखना अग्नि परीक्षा के समान होगा।
इंडियन नेशनल लोकदल की स्थापना भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल ने अक्तूबर 1996 में हरियाणा लोक दल (राष्ट्रीय) के नाम से की थी। इनेलो एक क्षेत्रीय दल के रूप में 1987 के दौरान राजनीतिक अस्तित्व में आया।
2001 में ताऊ देवीलाल के निधन के बाद से इनेलो सुप्रीमो के रूप में ओमप्रकाश चौटाला ने पूरा संगठन संभाला। प्रखर वक्ता होने के साथ-साथ आम कार्यकर्ता के साथ भी सीधे संवाद चौटाला की खासियत रही और इसी खासियत के चलते वह एक-एक गांव के कार्यकर्ता के नाम और शक्ल को जुबानी याद रखते थे।
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