भारतीय सेना
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चीन-तिब्बत सीमा के नजदीक सिक्कम के फॉरवर्ड एरिया में चल रही सेना के टॉप कमांडर्स के सम्मेलन में मल्टी टारगेट पोर्टेबल डेटोनेशन डिवाइस ‘अग्निअस्त्र’ को सेना को सौंपा गया। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ‘अग्निअस्त्र’ को लॉन्च करते हुए कहा यह सेना की आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ‘अग्निअस्त्र’ को कोर ऑफ इंजीनियर्स के मेजर राजप्रसाद आरएस ने डेवलप किया है। इससे पहले अगस्त 2024 में ‘अग्निअस्त्र’ के ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी (YoT) राइट्स उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजासुब्रमणि की मौजूदगी में निजी कंपनियों को दिए गए थे।
अग्निअस्त्र का सेना ने किया फील्ड ट्रायल
सिक्कम के गंगटोक में चल रहे सेना के टॉप कमांडर्स के सम्मेलन के दूसरे दिन सेना प्रमुख ने जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ‘अग्निअस्त्र’ को सेना को सौंपते हुए कहा कि टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की दिशा में इनोवेशंस को आगे बढ़ाने में मेजर राजप्रसाद आरएस की तारीफ की। साथ ही, इस दौरान उन्होंने सेना डिजाइन ब्यूरो की भी प्रशंसा की, जिन्होंने टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की दिशा में इनोवेशंस को बढ़ावा दिया। अग्निअस्त्र का सेना ने फील्ड ट्रायल भी किया है, जिसके बाद उसे सेना में शामिल किया गया है।
उग्रवाद-रोधी अभियानों में गेम-चेंजर साबित होगा अग्निअस्त्र
मेजर राजप्रसाद आरएस ने अमर उजाला को बताया कि वे इससे पहले मार्च 2024 में भारत शक्ति एक्सरसाइज के दौरान अग्निअस्त्र का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने भी प्रदर्शन कर चुके हैं। वहीं, अग्निअस्त्र का सेना में शामिल होना आतंकवाद-रोधी और उग्रवाद-रोधी अभियानों में गेम-चेंजर साबित होगा। अग्निअस्त्र एक मल्टी टारगेट पोर्टेबल रिमोट डेटोनेशन सिस्टम है, जो लंबी दूरी से या एक साथ कई लक्ष्यों पर फायर कर सकता है। इसकी रेंज 10 किमी है। इससे मैन्युअली भी निशाना साधा जा सकता है या या यूएवी/यूजीवी का उपयोग करके दूर से ही डिलीवर किया जा सकता है। अग्निअस्त्र में काउंटर इंसर्जेंसी और काउंटर टेररिज्म ऑपरेशंस में कमरे में बैठे-बैठे ही दूर से बंकर/ठिकाने को नष्ट करने, पुलों जैसे लक्ष्यों को ध्वस्त करने की जबरदस्त क्षमता है।
मार्च 2024 में पूर्व भारत शक्ति के दौरान माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी को नवाचार “अग्निअस्त्र” का प्रदर्शन किया गया था। यह मील का पत्थर प्रयास तकनीकी प्रगति के लिए भारतीय सेना की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। “टेक अवशोषण के वर्ष” के दौरान, इन-हाउस इनोवेशन- “अग्निअस्त्र” को शामिल करना भारतीय सेना द्वारा एक आधुनिक, तकनीक से प्रभावित और परिवर्तनकारी बल बनने की दिशा में एक और प्रगतिशील कदम है।
मेजर राजप्रसाद आरएस का कमाल
आर्मी डिजाइन ब्यूरो के साथ भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स के मेजर राजप्रसाद आरएस ने अहम भूमिका निभाई है। मेजर राजप्रसाद ने बताया कि वे खुद एमटेक हैं और टेक्निकल बैकग्राउंड से आते हैं। वह पिछले 4 साल में सेना के लिए 10 इनोवेशंस कर चुके हैं। जिनमें से 4 सेना में शामिल भी हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि मल्टी-टारगेट रिमोट-कंट्रोल्ड ब्लास्टर यानी अग्निअस्त्र का उद्देश्य उग्रवाद और आतंकवाद विरोधी अभियानों में उपयोग करना है और इसका उद्देश्य बारूदी सुरंगों और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) को निष्क्रिय करने में मानवीय हस्तक्षेप को कम करना है। उन्होंने बताया कि अग्निअस्त्र आतंकी हमलों के दौरान सैन्य अभियानों में सेना का नेतृत्व करने वाले प्लाटून कमांडरों की जरूरतों को पूरा करेगा।
अग्निअस्त्र को आर्मी डिजाइन ब्यूरो ने आईआईटी दिल्ली के साथ मिलकर डेवलप किया है। अगस्त 2024 भारतीय सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि ने अग्निअस्त्र को सैन्य बलों में इस्तेमाल करने के लिए टेक्नोलॉजी ऑफ ट्रांसफर (टीओटी) प्रक्रिया के तहत निजी कंपनी को सौंपा था। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (टीओटी) प्रक्रिया में आईआईटी दिल्ली के फाउंडेशन ऑफ इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की अहम भूमिका रही है।