शास्त्री कहते हैं कि मौजूदा समय में हाउसिंग लोन का टैक्स कैप 2 लाख रुपये का ही बना हुआ है। लेकिन अब होम लोन के ब्याज के भुगतान पर टैक्स डिडक्शन लिमिट 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर देनी चाहिए।
Budget 2023: घर खरीदने का सपना हर किसी का होता है। कई बार लोग घर लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट में ध्यान रखकर भी खरीदते हैं। जहां एक तरफ प्रॉपर्टी लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न देता है। तो वहीं, सिक्योरिटी, टैक्स-सेविंग के लिहाज से भी यह काफी फायदेमंद साबित होता है। सरकार भी लोगों के जीवन में घर की अहमियत को अच्छे से समझती है। यही वजह है कि सरकार की तरफ से पिछले कई बजट में घर बनाने को लेकर बड़ी योजनाओं का ऐलान और विस्तार किया गया है। इस बार के बजट में भी इस तरह के ऐलान की उम्मीद है।
घर खरीदारों की तरफ से इस बार के बजट से कई तरह की डिमांड है। बढ़ते ब्याज दरों के माहौल में इंटरेस्ट पेमेंट्स कटौती लिमिट में इजाफा करने की सबसे अधिक मांग सुनने को मिल रही है। इसके अलावा टैक्स में छूट, जीएसटी स्ट्रक्चर में बदलाव और घर खरीदारों के लिए लिमिट कैपिंग में भी ढील देने की मांग हो रही है। बता दें, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी।
क्या हैं बजट से उम्मीदें?
Sterling Developers के चेयरमैन और एमडी रमन शास्त्री कहते हैं, “रियल एस्टेट इंडस्ट्री अगले बजट से रिफॉर्म और इंसेंटिव की उम्मीद कर रहा है। इस साल के बजट से परंपरागत डिमांड के आगे जाकर सरकार को ऐलान करना चाहिए। इंवेस्टर्स के साथ घर खरीदारों के लिए टैक्स में ज्यादा छूट के ऐलान की जरूरत है।”
बेसिक होम लोन के सीईओ और फाउंडर अतुल मोंगा कहते हैं की रियल एस्टेट सेक्टर इंडियन इकोनॉमी का महत्वपूर्ण हिस्सा है। बढ़ते दरों के बीच यह सेक्टर काफी समस्याओं का सामना कर रहा है। इस सेक्टर के तेजी से ग्रोथ के लिए आवश्यक है कि कर्जदाता प्रतिस्पर्धातम लोन लोन प्रोडक्ट का ऑफर करें। जिसमें रिपेमेंट के लिए आकर्षक सुविधा भी रहे।
शास्त्री कहते हैं कि मौजूदा समय में हाउसिंग लोन का टैक्स कैप 2 लाख रुपये का ही बना हुआ है। लेकिन अब होम लोन के ब्याज के भुगतान पर टैक्स डिडक्शन लिमिट 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर देनी चाहिए। उनका मानना है कि समय के साथ महंगाई बढ़ी है, इस वजह से छूट बढ़नी चाहिए। वे कहते हैं कि ये छूट हाउंसिंग डिमांड में तेजी लाएगा।