Budget Expectaion: मोदी 3.0 सरकार के पहले बजट में बुजुर्गों को सौगात मिल सकती है। सूत्रों का दावा है कि पहले बजट में ही चुनावी वायदे को पूरा करने की तैयारी है, जिसमें 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गो को आयुष्मान भारत योजना के तहत लाकर पांच लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा का कवरेज दिया जाएगा। इससे करीब चार करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा।
सूत्रों की मानें तो इस बार हेल्थ बजट में खासी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है तथा यह एक लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर सकता है। फरवरी में पेश हुए अंतरिम बजट में इस मद में 90 हजार करोड़ का आवंटन किया गया था, जो कुल बजट का तकरीबन दो फीसदी के करीब होता है।
हेल्थ बजट में मुख्य फोकस आयुष्मान भारत के तहत स्वास्थ्य बीमा का कवरेज बढ़ाने के अलावा, अंतरिम बजट में घोषित किशोरियों के लिए सर्वाइकल कैंसर के टीकाकरण योजना के क्रियान्वयन, टीकाकरण से छूट रहे प्रवासी श्रमिकों के बच्चों के टीकाकरण, वन हेल्थ, मेडिकल शिक्षा और स्वास्थ्य अनुसंधान पर मुख्य फोकस रहने की संभावना है।
इसके अलावा मानसिक स्वास्थ्य के कवरेज का दायरा बढ़ाने के लिए भी नई योजना की घोषणा हो सकती है। सरकार डिजिटल मानसिक हेल्थ कार्यक्रम शुरु कर चुकी है लेकिन जमीन पर इसे प्रभावी बनाने की जरूरत है। खासकर संसाधनों की कमी दूर करने की जरूरत है। अभी कुल स्वास्थ्य बजट का एक फीसदी यानी करीब 900 करोड़ ही मानसिक स्वास्थ्य के मद में खर्च किए जाते हैं, जो बेहद कम है इसे बढ़ाने का दबाव विशेषज्ञों की तरफ से है। यह राशि बढ़ाई जा सकती है।
जीडीपी के दो फीसदी के करीब है हेल्थ बजट
यहां यह भी महत्वपूर्ण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ स्वास्थ्य के बजट को जीडीपी के तीन फीसदी तक ले जाने की मांग कर रहे हैं। मौजूदा समय में केंद्र और राज्यों का स्वास्थ्य व्यय मिलाकर जीडीपी के दो फीसदी के करीब है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 में इसे 2025 तक 2.5 फीसदी तक ले जाने की बात कही गई है। इसलिए केंद्र एवं राज्यों पर इस साल और अगले बजट में इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए आवंटन में बढ़ोतरी का दबाव रहेगा।
वर्ष. बजट (हजार करोड़)
2019-20 66596
2024-25 90171 (अंतरिम)
स्वास्थ्य पर कुल व्यय (सरकारी और निजी) जीडीपी
भारत 3.6 फीसदी
चीन 5 फीसदी
रुस 5.3 फीसदी
ब्राजील 9.2 फीसदी
दक्षिण अफ्रीका 9.2 फीसदी
जापान 10.9 फीसदी
जर्मनी 11.2 फीसदी
अमेरिका 16.9 फीसदी
(2018-20 के आंकड़ों पर आधारित)