सीयूईटी यूजी स्कोर को इस साल 205 से अधिक यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों ने मान्यता दी है. जिनमें केंद्रीय, राज्य, डीम्ड और प्राइवेट यूनिवर्सिटी शामिल हैं. हालांकि सिर्फ सीयूईटी यूजी में शामिल होना एडमिशन की गारंटी नहीं है. एडमिशन के लिए यूनिवर्सिटी की एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया, मेरिट लिस्ट रैंक, डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन, मेडिकल फिटनेस और कुछ कोर्स में इंटरव्यू भी पास करने होंगे. हर यूनिवर्सिटी का अपना अलग-अलग तरीका है. स्टूडेंट्स संबंधित यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर जाकर जानकारी हासिल कर सकते हैं.
सीयूईटी यूजी स्कोर से एडमिशन के तरीके
काउंसलिंग बेस्ड : सीयूईटी यूजी रिजल्ट आने के बाद यूनिवर्सिटीज अपना काउंसलिंग पोर्टल ओपन करती हैं. स्टूडेंट्स् पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन करते हैं. जिसमें अपनी पसंद का कोर्स और कॉलेज भरना होता है. इसके बाद सीयूईटी यूजी स्कोर, कैटेगरी और उपलब्ध सीट के आधार पर सीट अलॉट होती है. इस तरह जब तक यूनिवर्सिटी की सभी सीटें भर नहीं जाती, एडमिशन लिस्ट जारी होती रहती है.
हाईब्रिड मोड : इसमें सीयूईटी यूजी स्कोर के साथ कुछ संस्थान इंटरव्यू, एसओपी या पोर्टफोलियो रिव्यू भी होता है. जैसे कि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS).
सीयूईटी यूजी काउंसलिंग में सीट अपडेट करने के ऑप्शन
एक्सेप्ट एंड फ्रीज : इसमें स्टूडेंट्स अलॉट हुई सीट को एक्सेप्ट कर सकते हैं. इसका मतलब कि आगे बेहतर सीट नहीं चाहिए. जिस कॉलेज में सीट मिली है, उसमें ही एडमिशन लेना है.
रिजेक्ट ऑप्शन : अगर कोई स्टूडेंट सीट स्वीकार नहीं करता और न ही कोई ऑप्शन चुनता है तो वह आगे के प्रोसेस से बाहर हो जाएगा. हालांकि कुछ यूनिवर्सिटीज आगे के राउंड में मौके देती हैं. इसलिए यूनिवर्सिटी के सीट एलोकेशन नियम ध्यान से पढ़ लें.