ड्यूक बॉल पर विवाद (Duke Ball Controversy) समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रहा है. लॉर्ड्स टेस्ट में दूसरे दिन भारत को सिर्फ 10.3 ओवरों के बाद गेंद बदलनी पड़ी थी, क्योंकि उसका आकार बदल चुका था. टीम इंडिया ने जिस गेंद को बदला, वह रिप्लेस की गई गेंद से बहुत ज्यादा स्विंग हो रही थी. भारतीय कप्तान का कहना था कि यह ‘लाइक फॉर लाइक’ गेंद नहीं थी, इसी कारण उनकी अंपायरों से जमकर बहस भी हुई थी. अब इंग्लैंड के पूर्व कप्तान जो रूट ने ऐसा बयान दिया है, जिससे ऐसा प्रतीत होता है जैसे उन्होंने ड्यूक बॉल में खामियों (Duke Ball Quality) को स्वीकार कर लिया है.
जो रूट ने की नए नियम की पेशकश
लॉर्ड्स टेस्ट में बार-बार गेंद को रिप्लेस किए जाने का विषय बहस का मुद्दा बना हुआ है. इस पर जो रूट ने एक नए नियम की पेशकश कर डाली है. उनका कहना है कि अगर गेंद में इतनी दिक्कतें आ रही हैं तो प्रत्येक टीम को 80 ओवरों के अंतराल में एक टीम 3 बार बॉल बदलने के लिए चैलेंज कर सके. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस नियम को लागू तभी किया जाए जब गेंद का साइज चेक करने वाली रिंग का साइज ज्यादा बड़ा ना हो.
शुभमन गिल सही हैं?
जो रूट ने एक और बयान दिया है, जिससे प्रतीत हुआ जैसे उन्होंने ड्यूक बॉल में खामियों को स्वीकारा है. उन्होंने कहा, “प्रत्येक 80 ओवरों में 3 चैलेंज का रूल समझौते का अच्छा तरीका होगा. इसके लिए पूरी तरह गेंद के निर्माता पर ठीकरा नहीं फोड़ा जा सकता. कभी-कभी ऐसा (ड्यूक बॉल विवाद) होता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप गेंद को बदलने की मांग करने के बहाने समय बर्बाद करें और साथ-साथ मैच को धीमा करने की कोशिश करें.”
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