Economic Survey 2022 main Points – Business News India खेती, बाजार से लेकर आपके पैसे तक, इन 10 प्वाइंट्स में समझिए इकनॉमी का हाल, बिज़नेस न्यूज़

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फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को संसद के बजट सत्र के पहले दिन लोकसभा में इकनॉमिक सर्वे 2021-22 पेश किया। इकनॉमिक सर्वे के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी…

फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को संसद के बजट सत्र के पहले दिन लोकसभा में इकनॉमिक सर्वे 2021-22 पेश किया। इकनॉमिक सर्वे के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी ग्रोथ 9.2 फीसदी रह सकती है। सर्वे में कहा गया है कि फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में भारत की इकनॉमी की ग्रोथ 8-8.5 फीसदी रहने का अनुमान है। आइए 10 प्वाइंट्स में इकनॉमिक सर्वे की अहम बातों को समझते हैं…

1. एग्रीकल्चर सेक्टर पर महामारी का सबसे कम असर
कृषि (एग्रीकल्चर) और उससे जुड़े सेक्टर्स पर महामारी से सबसे कम प्रभावित हुए हैं। वित्त वर्ष 2021-22 में एग्रीकल्चर सेक्टर की ग्रोथ 3.9 फीसदी रहने का अनुमान है। इससे पिछले वित्त वर्ष के दौरान कृषि सेक्टर की ग्रोथ 3.6 फीसदी थी। तिलहन, दलहन और हॉर्टीकल्चर में क्रॉप डायवर्सिफिकेशन को प्राथमिकता दी जाएगी। 

2. सर्विसेज सेक्टर में सबसे ज्यादा FDI इनफ्लो
कोविड-19 महामारी का सबसे बुरा असर सर्विसेज सेक्टर पर पड़ा है। चालू वित्त वर्ष के दौरान इस सेक्टर की ग्रोथ 8.2 फीसदी रहने का अनुमान है। जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में सेक्टर की ग्रोथ 8.4 फीसदी थी। इकनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि सर्विसेज सेक्टर में सबसे ज्यादा एफडीआई इनफ्लो हुआ। 2021-22 की पहली छमाही में सर्विसेज सेक्टर को 16.73 अरब डॉलर के FDI इक्विटी इनफ्लो मिले।

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3. दुनिया का तीसरा बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम
भारत में अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम है। अप्रैल 2019 से दिसंबर 2021 के बीच दिल्ली में 5,000 नए स्टार्ट-अप्स शुरू हुए हैं। वहीं, बंगलुरु में इनकी संख्या 4,514 रही है। अप्रैल-नवंबर 2021 के दौरान 75 IPO इश्यूज के जरिए 89,066 करोड़ रुपये कंपनियों ने जुटाए हैं। साल 2020 की समान अवधि में 29 कंपनियों ने 14,733 करोड़ रुपये जुटाए थे।

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4. अब 50 फीसदी से ज्यादा बैंक डिपॉजिट्स इंश्योर्ड
डिपॉजिट इंश्योरेंस की लिमिट बढ़ाकर 5 लाख रुपये किए जाने के बाद से इंश्योर्ड अकाउंट्स की संख्या 98 फीसदी हो गई है। जबकि ग्लोबल बेंचमार्क 80 फीसदी है। यह बात इकनॉमिक सर्वे में सामने आई है। सर्वे में कहा गया है कि अगर अमाउंट की बात की जाए तो मार्च 2021 तक टोटल इंश्योर्ड डिपॉजिट 76.2 लाख करोड़ रुपये था, जो कि टोटल एक्सेसबल डिपॉजिट्स का 50.9 फीसदी है। 

5. नवंबर तक जुड़े 221 लाख इंडीविजुअल डीमैट अकाउंट्स
इकनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि अप्रैल-नवंबर 2021 के बीच 221 लाख इंडीविजुअल डीमैट अकाउंट्स ऐड हुए हैं। इसके अलावा, 4.6 बिलियन UPI ट्रांजैक्शंस हुए हैं। अकेले दिसंबर 2021 में 8.26 लाख करोड़ रुपये के ट्रांजैक्शंस हुए हैं। NSE के टोटल टर्नओवर में इंडीविजुअल इनवेस्टर्स की हिस्सेदारी बढ़कर 44.7 फीसदी हो गई है। 

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6. FY23 में जीडीपी ग्रोथ रेट 8-8.5 फीसदी रहने का अनुमान
इकनॉमिक सर्वे में अगले वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 8-8.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। ग्रोथ प्रोजेक्शन में अगले वित्त वर्ष में ऑयल प्राइसेज 70-75 डॉलर प्रति बैरल रहने का अनुमान जताया गया है। फिलहाल कच्चे तेज (क्रूड) की कीमत 90 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर हैं। इसके अलावा, ग्लोबल कंटेनर मार्केट में अभी दिक्कतें खत्म नहीं हुई हैं, जिसका असर ग्लोबल सी ट्रेड पर देखने को मिल सकता है। 

7. एक्सपोर्ट और इंपोर्ट का हाल
चालू वित्त वर्ष में इंडस्ट्रियल सेक्टर की ग्रोथ 11.8 फीसदी रहने का अनुमान इकनॉमिक सर्वे में लगाया गया है। वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का टोटल एक्सपोर्ट 16.5 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है। वहीं, इंपोर्ट के 29.4 फीसदी बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। सोशल सर्विसेज पर खर्च 9.8 फीसदी बढ़कर 71.61 लाख करोड़ रुपये रहेगा। 

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8. हाउसिंग सेल्स को मजबूती मिलने की उम्मीद
कई राज्यों ने ड्यूटी में कटौती की है, जिससे हाउसिंग सेल्स को मजबूती मिलने की उम्मीद है। घर खरीदने के लिए मिडिल-क्लास की बॉरोइंग 21.1 फीसदी की सालाना ग्रोथ से कहीं नीचे है। वित्त वर्ष 2021-22 में कंज्म्पशन 7 फीसदी बढ़ा है, इसमें गवर्नमेंट स्पेंडिंग का अहम रोल है।

9. हेल्थ सेक्टर पर 73% बढ़ा खर्च
इकनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि हेल्थ सरकार पर सरकार का खर्च 73 फीसदी बढ़कर 4.72 लाख करोड़ रुपये रहा है। पिछले वित्त वर्ष में यह 2.73 लाख रुपये के स्तर पर था। सर्वे में कहा गया है कि महामारी का असर लगभग सभी सोशल सर्विसेज पर पड़ा है। हेल्थ सेक्टर पर इसकी बुरी मार पड़ी है। सर्वे में कहा गया है कि भारत ने हेल्थकेयर में काफी प्रगति की है। 



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