Women’s Health After 30 : उम्र बढ़ने वाल हड्डियां कमजोर होने लगती हैं. खासकर महिलाओं में ये परेशानी ज्यादा देखने को मिलती है. 30 साल के बाद महिलाओं का बोन मास कम होने लगता है, जिसकी वजह से हड्डियां (Bones) धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं. दरअसल, इस प्रक्रिया में नई हड्डियां धीरे बनती हैं और पुरानी जल्दी-जल्दी हटने लगती हैं.कुछ महिलाओं में यह ज्यादा तेजी से होता है, जिसकी वजह से बोन मास काफी कम हो जाता है.
बोन मास बहुत अधिक कम होने से ओस्टियोपोरोसिस जैसी गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं. इस कारण हड्डियां आसानी से टूट भी सकती हैं और चलने-फिरने में भी दिक्कतें हो सकती हैं. इसलिए महिलाओं को इस उम्र के बाद अपनी हड्डियों का सही तरह ख्याल रखना चाहिए. उन्हें रोजाना कुछ काम जरूर करने चाहिए.
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30 की उम्र बाद महिलाएं इस तरह रखें अपना ख्याल
1. कैल्शियम और विटामिन D को मेंटेन करें
वयस्कों में रोजाना 1000 से 1200 mg कैल्शियम की जरूरत होत है. इसके अलावा हड्डियों की मजबूती के लिए विटामिन डी भी जरूरी होती है. कैल्शियम की पूरी करने के लिए बादाम, डेयरी प्रोडक्ट्स, सब्जियां और फॉर्टिफाइड सिरीयल्स खा सकती हैं. इसके अलावा विटामिन डी की कमी पूरी करने के लिए रोजाना डाइट में कम फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट जैसे, सोया मिल्क, टोफू, हरी पत्तेदार सब्जियां, फलियां जरूर शामिल करें.
2. रोजाना धूप में जरूर बैठें
हफ्ते में दो से तीन बार सुबह की पहली धूप में कम से कम 10-15 मिनट जरूर बैठें. इससे शरीर में विटामिन-डी की पूरी होगी. शरीर में कैल्शियम एब्जॉर्ब के लिए भी ये बहुत जरूरी विटामिन है. इसलिए धूप से दूर रहने की गलती न करें.
3. एक्सरसाइज करें
रोजाना 30 मिनट तक हल्की-फुल्की एक्सरसाइज जरूर करें. इससे हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत बनती हैं. अपनी डेली रूटीन में योग, वॉक, बॉडी मूवमेंट, वेट बियरिंग एक्सरसाइज, जैसे स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, डांसिंग, जॉगिंग जरूर शामिल करें.
4. शराब-सिगरेट छोड़ें, कैफीन कम करें
5. बॉडी वेट मेंटेन करें
ज्यादा वजन होने से ओस्टियोपोरोसिस और बोन लॉस तेजी से होता है, जिसकी वजह से वजन कम होता है. इसके अलावा अधिक वजन होने से हड्डियों पर काफी ज्यादा दबाव पड़ता है, जिससे परेशानी बढ़ सकती है. इसलिए वजनको मेंटेन करने की कोशिश करें.
6. हड्डियों की जांच करवाते रहें
ज्यादातर लोग कमजोर हो रही हड्डियों को सही तरह समझ नहीं पाते हैं, जिसकी वजह से उनमें फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है. ऐसे में समय-समय पर बोन डेंसिटी की जांच कराते रहें. ऐसी महिलाएं जिनमें हाल ही में मेनोपॉज हुआ है या उनका एस्ट्रोजेन लेवल कम है, उनमें अगर ओस्टियोपोरोसिस है तो हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी मददगार हो सकती है.
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