India Independence Day: 15 अगस्त को एकमात्र भारतीय खिलाड़ी जिसने जमाया था शतक, आज चयन पर उठ रहे सवाल

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India Independence Day: 15 अगस्त का दिन हर भारतीय के लिए भावनाओं से भरा होता है. यह वो तारीख है जब भारत ने ब्रिटिश हुकूमत से आजादी पाई थी. क्रिकेट के इतिहास में भी यह दिन खास है, क्योंकि इसी दिन टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने एक ऐसा वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जो आज तक कोई भारतीय नहीं तोड़ सका.

विराट कोहली का रिकॉर्ड

2019 में वेस्टइंडीज के खिलाफ पोर्ट ऑफ स्पेन में खेले गए तीसरे वनडे में विराट कोहली ने नाबाद 114 रनों की कप्तानी पारी खेली थी. यह मुकाबला बारिश के कारण प्रभावित हो गया था और तारीख बदलने के बाद 15 अगस्त की सुबह भारत के समयानुसार विराट कोहली का यह शानदार शतक आया. इस तरह कोहली स्वतंत्रता दिवस पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतक बनाने वाले अकेले भारतीय बने थे. उन्होंने 115.15 के स्ट्राइक रेट से ये पारी खेली थी, जिसमें 14 चौके शामिल थे. 

मैच का हाल

इस मुकाबले में वेस्टइंडीज की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 35 ओवर में 7 विकेट पर 240 रनों का स्कोर खड़ा कर दिया था. उनकी ओर से क्रिस गेल ने 41 गेंदों में 72 रन की पारी खेली थी.

कोहली के इस यादगार प्रदर्शन की बदौलत भारत ने 15 गेंदें शेष रहते 6 विकेट से वेस्टइंडीज के खिलाफ जीत हासिल कर ली थी. इस मैच में श्रेयस अय्यर ने भी बेहतरीन बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए 65 रन बनाए थे, जबकि गेंदबाजी में खलील अहमद ने तीन विकेट चटकाए थे.

इतिहास के पन्नों में दर्ज है 15 अगस्त का दिन

भारत 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस इसलिए मनाता है ताकि देश की लगभग 200 साल की गुलामी और आजादी के लिए बलिदान देने वालों वीरों को याद रखा जा सके. 15 अगस्त 1947 को भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम लागू हुआ था, जिसने ब्रिटिश शासन का अंत कर भारत को एक स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा दिया था.

कोहली के साथ चयन विवाद

दुनियाभर में रन बरसाने वाले और वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक बनाने वाले विराट कोहली के चयन को लेकर इन दिनों सवाल उठ रहे हैं. टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने से पहले उन्हें रणजी ट्रॉफी में खेलना पड़ा था, और अब खबर है कि वनडे टीम में वापसी के लिए उन्हें विजय हजारे ट्रॉफी में भी उतरना पड़ सकता है. यह स्थिति तब है जब उनकी पिछली 15 वनडे पारियों में तीन शतक और पांच अर्धशतक शामिल हैं. क्रिकेट विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसे खिलाड़ी के लिए घरेलू टूर्नामेंट में खुद को साबित करने की शर्त, उनके कद के साथ न्याय नहीं करती.



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