Minister Had Repaid The Debt Of Grandparents By Pumpkins, Ramnath Thakur Told Story To Farmers In Krishi Mela – Amar Ujala Hindi News Live

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minister had repaid the debt of grandparents by pumpkins, Ramnath Thakur told story to farmers in Krishi Mela

रामनाथ ठाकुर
– फोटो : अमर उजाला

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राजधानी दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय “पूसा कृषि विज्ञान मेला 2025” का उद्घाटन शनिवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर भी मौजूद थे। केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर ने कार्यक्रम में अपने जवानी के दिनों को याद करते हुए कद्दू की खेती कर अपने परिवार का कर्ज चुकाने का किस्सा भी सुनाया।

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कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने कहा कि, 1967 में मैट्रिक पास किया था। बहुत हौसले के साथ गांव से पहली बार पटना गया था। मैं पिताजी से मिलने गया था। पिताजी से मुलाकात हुई। उन्होंने रामनाथ कहां आए हो?और किसलिए आए हो? मैंने उनसे कहा कि, मैं मैट्रिक का परीक्षा दे दिया हूं। मैं पटना देखने आया हूं। आपका दर्शन करने आया हूं। उन्होंने मुझसे कहा नहीं..घर लौटो ओर मेरे माता-पिताजी के साथ खेती बाड़ी में सहयोग करों। मैं निराश होकर वहां से गांव लौट आया। 1967 में वैशाख महीने में कद्दू की खेती की शुरुआत हुई थी। मैंने चार कट्ठे में कद्दू की खेती की और उससे कमाई करके दादा-पिताजी और चाचा जी पिताजी पर जो कर्ज हो गया था उन कद्दू को बेचकर कर्ज उतार दिया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री ठाकुर ने कहा कि, किसानों को अच्छे बीजों का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर बीज में गड़बड़ी होगी और खाद का ज्यादा इस्तेमाल होगा तो उपज और आमदनी बढ़ेगी, लेकिन वह आमदनी दवाओं में खर्च हो जाएगी। इसलिए अच्छे बीजों का इस्तेमाल करें। किसानों को जैविक खेती की ओर बढ़ना होगा। उन्होंने ने कहा कि कृषि के विकास के लिए किसानों का अहम योगदान रहने वाला है। रामनाथ ठाकुर ने कहा कि 40-50 साल पहले वैज्ञानिक गांवों में जाकर नए बीजों और कृषि यंत्रों का प्रदर्शन करते थे, जो अब नहीं हो रहा है। उन्होंने आईसीएआर के वैज्ञानिकों से अपील की कि गांवों में अच्छे बीजों का प्रदर्शन किया जाए. क्योंकि, अगर जमीन का स्वास्थ्य ठीक रहेगा तो किसान मजबूत होगा।

इस साल पूसा कृषि विज्ञान मेला 2025 की थीम उन्नत कृषि–विकसित भारत रखी गई है। मेले का मुख्य आकर्षण आईएआरआई की ओर से विकसित की गई अत्याधुनिक किस्मों और प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन होगा। प्रदर्शनियों में आईएआरआई, आईसीएआर संस्थानों, कृषि विश्वविद्यालयों, केवीके, एफपीओ, उद्यमियों, स्टार्ट अप और सार्वजनिक और निजी दोनों कंपनियों की नवीन तकनीकों, उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित किया जाएगा।

कार्यक्रम में जलवायु–अनुकूल कृषि, फसल विविधीकरण, डिजिटल कृषि, युवा और महिला उद्यमिता, कृषि विपणन, किसान संगठन तथा किसानों द्वारा नवाचार जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर केंद्रित तकनीकी सत्र और किसान–वैज्ञानिक बातचीत की पेशकश की जाएगी। मेले में शामिल होने वाले लोग महत्वपूर्ण किस्मों के पूजा बीज की खरीद भी कर सकते हैं। किसानों को मौके पर ही कृषि संबंधी सलाह दी जाएगी।

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