आतंकी
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90 के दशक में बिलासपुर में उग्रवाद चरम पर पहुंच गया था। 1984 के दंगों के बाद पंजाब से आए खालिस्तान समर्थक उग्रवादियों ने स्थानीय युवाओं की मदद से जगह-जगह लोगों की हत्याएं, अपहरण, दुष्कर्म, फिरौती मांगने जैसी जघन्य वारदातों को अंजाम दिया था। नवंबर 1991 में उग्रवादियों ने बिलासपुर थाने क्षेत्र के बिशारदनगर के जंगल में छह रोडवेज कर्मियों सहित नाै लोगों की हत्या कर दी थी। उग्रवादियों की पुलिस अफसरों को मारने की योजना थी, लेकिन उसमें असफल रहे थे।