India Squad For Hong Kong Sixes: पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा हांगकांग सिक्सेस टूर्नामेंट 2024 में भारतीय टीम की अगुवाई करेंगे. इसके अलावा केदार जाधव, स्टुअर्ट बिन्नी, मनोज तिवारी, शाहबाज नदीम, भरत चिपली और श्रीवत्स गोस्वामी (विकेटकीपर) को टीम इंडिया में जगह मिली है. वहीं, इस सीजन भारत, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, इंग्लैंड, हांगकांग, नेपाल, न्यूजीलैंड, ओमान, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसी टीमें टू्र्नामेंट का हिस्सा होंगी. इस टूर्नामेंट के मुकाबले टिन क्वांग रोड रिक्रिएशन ग्राउंड में खेला जाएगा.
क्या रहा है हांगकांग सिक्सेस टूर्नामेंट का इतिहास?
हांगकांग सिक्सेस टूर्नामेंट पहली बार 1992 में खेला गया था. वहीं, यह टूर्नामेंट आखिरी बार 2017 में खेला गया. इसके बाद से हांगकांग सिक्सेस टूर्नामेंट का आयोजन नहीं हो सका है. भारत ने आखिरी बार 2005 के संस्करण के दौरान जीता था. इस टूर्नामेंट को इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका ने सबसे ज्यादा 5-5 बार जीता है. इस टूर्नामेंट में ब्रायन लारा, वसीम अकरम, शेन वार्न, सचिन तेंदुलकर, एम.एस. धोनी और अनिल कुंबले जैसे खेल के कई दिग्गज अपनी-अपनी टीमों के लिए खेल चुके हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं हांगकांग सिक्सेस टूर्नामेंट का प्रारूप अनूठा है?
बेहद अनूठा है हांगकांग सिक्सेस टूर्नामेंट के नियम…
हांगकांग सिक्सेस टूर्नामेंट मैच में दोनों टीमों के 6-6 खिलाड़ी होते हैं. इसके अलावा दोनों टीमें 5-5 ओवर खेलती है, लेकिन टूर्नामेंट के फाइनल में प्रत्येक टीम पांच ओवर फेंकेगी जिसमें आठ गेंदें होंगी, जबकि सामान्य मैचों में छह गेंदें फेंकी जाती हैं. इसके अलावा विकेटकीपर को छोड़कर, क्षेत्ररक्षण करने वाली टीम के प्रत्येक सदस्य को एक ओवर फेंकना होता है, जबकि वाइड और नो-बॉल को दो रन के रूप में गिना जाएगा. साथ ही बल्लेबाजों को 31 रन पर रिटायर होना पड़ता है, लेकिन अन्य सभी बल्लेबाजों के आउट होने या रिटायर होने के बाद संबंधित बल्लेबाज बल्लेबाजी करने वापस आ सकता है.
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