Fibroid Treatment: जब आप प्रेगनेंट होने वाली होती हैं या फिर बच्चे को जन्म देने वाली होती हैं तो फाइब्रॉयड यूटरस की कॉमन ग्रोथ देखने को मिलती है. दरअसल इसको लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां हैं, लेकिन यह किसी तरह की कैंसर नहीं होती है. साथ ही न ही कभी कैंसर में परिवर्तित होने की संभावना होती है. इसके अलावा संख्या और साइज व्यक्ति व्यक्ति पर निर्भर करती है और यह अलग अलग हो सकती हैं. कुछ ग्रोथ इतनी छोटी होती हैं की आप इन्हें अपनी आंखों से देख भी नहीं पाते हैं. कुछ एक का साइज बड़ा भी हो सकता है. बहुत कम केसों में ऐसा होता है की फाइब्रॉयड पेल्विस या पेट के भाग को भर देते हैं.
इसके कारण क्या-क्या होते हैं-
1- जीन में बदलाव : बहुत सारे फाइब्रॉयड में जींस में बदलाव देखने को मिलते हैं जोकि आमतौर पर होने वाली यूटरस मसल सेल्स से अलग होते हैं.
2- हार्मोन्स : एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन नाम के हार्मोन की वजह से यूटरस के अंदर की लाइन थोड़ी मोटी हो जाती है. ऐसा प्रेग्नेंसी के लिए शरीर को तैयार करने के लिए किया जाता है लेकिन ऐसा होने से फाइब्रॉयड भी बढ़ने लगते हैं.
3- अन्य कारण: कुछ ऐसी चीजें जो टिशू को मेंटेन करने में मदद करती हैं जैसे इंसुलिन जैसे ग्रोथ फैक्टर आदि फाइब्रॉयड ग्रोथ को प्रभावित कर सकते हैं.
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इसका इलाज क्या है-
इसका इलाज आपके फाइब्रॉयड के साइज और स्थिति पर निर्भर करता है. सबसे पहले आपके डॉक्टर इसकी पहचान करेंगे और पता लगाएंगे की यह फाइब्रॉयड कितना खतरनाक है. कुछ एक मामूली फाइब्रॉयड को ठीक करने के लिए आपके डॉक्टर आपको दवाई दे सकते हैं तो कुछ फाइब्रॉयड को ठीक करने के लिए कुछ मिनिमल इनवेसिव या फिर नॉन इनवेसिव तरीकों का प्रयोग किया जा सकता है.
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इससे कैसे बचा जा सकता है-
फाइब्रॉयड से बचने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना जरूरी है. संतुलित आहार लें जिसमें हरी सब्जियां, फल, और विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल हों. मोटापा कम करें और नियमित रूप से एक्सरसाइज करें. हार्मोनल असंतुलन से बचने के लिए सही दिनचर्या और तनाव मुक्त जीवनशैली अपनाएं.
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